"बीवी व साली का तुलनात्मक विवरण"-


Funny poem

क्रिकेट की ये दुनिया भी बेहद कमाल है,
बीवी एक टेस्ट मैच तो साली 20-20 का धमाल है ।

बादलो की गड़गड़ाहट, बिजली की कड़कड़ाहट, 
बेमौसम सी बरसात लगती है बीविया,
सर्दियों में मंदिम धूप सा एहसाहस, बसंत का खिलता हुआ गुलाब, ग्रीष्म ऋतु में तप्त जमी की प्याश लगती है सालिया ।

पैसेंजर ट्रेन सी हो गई है बीवी संग जिंदगी जिसे क्रासिंग देते हुए जाना है,
साली वह द्रुतगामी ट्रैन है जिसका लक्ष्य सीधे मंजिल तक पहुँचाना है ।

सब्जी का वह ठेला सी लगती है बीविया
जहाँ हर शाम झोला लेकर मजबूरीवश जाना है,
इडली डोसा पिज्जा बर्गर सा टेस्ट है सालिया, जिन्हें हॉलिडे पर पिज्जा हट में  में चख आना है ।

अध्यापक की पाठशाला का कुछ अलग ही पैमाना है
जहाँ साली एक मनपसंद टॉपिक है तो बीवी वह सिलेबस है जिसे निरंतर घसीटे जाना है ।

अब चले आइये जनाब सत्ता के गलियारों में, जहाँ बीवी पूर्ण बहुमत की बेलगाम सरकार है, तो दल बदल का संशय है जीजू को इशलिये साली से झगड़ा बेकार है।         

कुछ खास लगे वेलेन्टाइन्डे संग बिन फेरो वाली के       
होली भी बेरंग लगे उस रंग रंगीली साली के
पर ध्यान रहे उस पल का भी जिस पल तांडव दस्तक देगा,
मुँह पर सूजन टूटी हड्डी, जब घरवाली के हाथ में बेलन होगा ।

युवा कवि -
कमल जाट
9667616433