Love poem || नित नयन हिलोरे लेते है ||


Hindi love poem || नित नयन हिलोरे लेते है ||
ना आन रखे,ना मान रखे
ना अपनो का स्वाभिमान रखे ।
इस नादानी की शैय्या पर
दिन - रात मचलते रहते है ।
इस चंचल चपल मन मे
नित नयन हिलोरे लेते है ।।

कभी डाल - डाल
कभी पात - पात पर ।
कुमुदित भ्रमर से ये नयन
कुछ राह निहारे रहते है ।
इस चंचल चपल मन मे
नित नयन हिलोरे लेते है ।।

खवाबों की दुनिया संजोये
कुछ रंग नए भर जाते है ।
भूली बिछड़ी यादों में डूबे
हर दिन ये इठलाते है ।
उसकी नटखट बातो का
ये राग अलापे रहते है ।
इस चंचल चपल मन मे
नित नयन हिलोरे लेते है ।।

हर एक हवा का झोंका
मुझको, उसकी याद दिलाए ।
उँडु गगन में पंछी बन कर
उसके पीछे पंख फैलाए ।
अंतहीन हो सफर मेरा वह
राह यही चुन लेते है ।
इस चंचल चपल मन मे
नित नयन हिलोरे लेते है ।।

उसकी बातों का भोलापन
मन मेरा हर लेता है ।
दूर रहूँ में कैसे उससे
अपने पाले में कर लेता है ।
उसकी खामोशी को भी
ये शब्दों में पढ़ लेते है ।
इस चंचल चपल मन मे
नित नयन हिलोरे लेते है ।।

मेरी कथनी ये ना समझे,
अलबत्ता अब समझ गए ।
खामोश लबों की खामोशी
का मतलब भी अब समझ गए ।
बीते लम्हों की यादों में
बेबाक कहानी कहते है ।
इस चंचल चपल मन में
 नित नयन हिलोरे लेते है ।।

Heartbeats of youth

कमल जाट
अलवर, राजस्थान
9667616433