तुम पूर्ण मिलन की आशा हो ।
तुम पूर्ण मिलन कि आशा हो ||
Feelings of Love
एक सरल रेखा सी तुम हो
अपनापन की परिभाषा हो ।
खिल उठा वह आंगन चमन सा
जिस आंगन की तुम अभिलाषा हो ।।
छठा देख तेरे रूप रंग की
प्रकृति भी मन मे सकुचाई ।
निस्तेज को भी तेज कर गई
भला यह दिप्ति कैसे पाई ?
हुआ तिमिर का नाश सर्वत्र
मानो दिनकर भी दर्शन का प्यासा हो ।।
एक सरल रेखा सी तुम हो
अपनापन की परिभाषा हो ।
खिल उठा वह आंगन चमन सा
जिस आंगन की तुम अभिलाषा हो ।।
चाहू साथ चलना तेरे
बन कर तेरी परछाई ।
इस बेनूर सी दुनिया मे तुम
इंद्रधनुष बन कर आई ।
हर पल मिलना चाहु तुमको
तुम एक मात्र जिज्ञासा हो ।।
एक सरल रेखा सी तुम हो
अपनापन की परिभाषा हो ।
खिल उठा वह आंगन चमन सा
जिस आंगन की तुम अभिलाषा हो ।।
ओस की बूंदों सी ठंडक तुम में
अहम को भी परास्त किया ।
छलक पड़ा सादगी का प्याला
जब तुमने अपना परिचय दिया ।
मिलकर सबसे रहा अधूरा
तुम पूर्ण मिलन की आशा हो ।।
एक सरल रेखा सी तुम हो
अपनापन की परिभाषा हो ।
खिल उठा वह आंगन चमन सा
जिस आंगन की तुम अभिलाषा हो ।।
Heartbeats of youth
कमल सिंह
अलवर, राजस्थान
9667616433
एक सरल रेखा सी तुम हो
अपनापन की परिभाषा हो ।
खिल उठा वह आंगन चमन सा
जिस आंगन की तुम अभिलाषा हो ।।
छठा देख तेरे रूप रंग की
प्रकृति भी मन मे सकुचाई ।
निस्तेज को भी तेज कर गई
भला यह दिप्ति कैसे पाई ?
हुआ तिमिर का नाश सर्वत्र
मानो दिनकर भी दर्शन का प्यासा हो ।।
एक सरल रेखा सी तुम हो
अपनापन की परिभाषा हो ।
खिल उठा वह आंगन चमन सा
जिस आंगन की तुम अभिलाषा हो ।।
चाहू साथ चलना तेरे
बन कर तेरी परछाई ।
इस बेनूर सी दुनिया मे तुम
इंद्रधनुष बन कर आई ।
हर पल मिलना चाहु तुमको
तुम एक मात्र जिज्ञासा हो ।।
एक सरल रेखा सी तुम हो
अपनापन की परिभाषा हो ।
खिल उठा वह आंगन चमन सा
जिस आंगन की तुम अभिलाषा हो ।।
ओस की बूंदों सी ठंडक तुम में
अहम को भी परास्त किया ।
छलक पड़ा सादगी का प्याला
जब तुमने अपना परिचय दिया ।
मिलकर सबसे रहा अधूरा
तुम पूर्ण मिलन की आशा हो ।।
एक सरल रेखा सी तुम हो
अपनापन की परिभाषा हो ।
खिल उठा वह आंगन चमन सा
जिस आंगन की तुम अभिलाषा हो ।।
Heartbeats of youth
कमल सिंह
अलवर, राजस्थान
9667616433
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